एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग में है बेहतर कॅरियर, कमाएं लाखों घर बैठे

Career in Aquaponics: एग्रीटेक स्टार्टअप का सेक्टर स्टार्टअप वल्र्ड में एंटरप्रेन्योर के बीच सबसे लोकप्रिय है। इंडिया में वर्तमान में एग्रीटेक स्टार्टअप की संख्या 200 से अधिक है। इसके अलावा अनऑर्गनाइज स्टार्टअप की संख्या 1000 के करीब है। अब फॉर्मिंग के सेगमेंट में एक नया ऑप्शन एंट्री ले रहा है। इसे एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग कहते हैं।

इसमें मछली पालन के साथ ऑर्गनिक फॉर्मिंग भी की जा सकती है। इंडिया में एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग का कल्चर नया है इसलिए अभी इस सेक्टर में स्टार्टअप की संख्या 10 के करीब है। इसलिए वो एंटरप्रेन्योर जो कि एग्रीकल्चर से जुड़े स्टार्टअप के साथ अपने कॅरियर की शुरुआत करना चाहते हैं या इस बारे में सोच रहे हैं उनके लिए एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग बहुत अच्छा आइडिया साबित हो सकता है।

क्या है एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग
फॉर्मिंग के इस सेक्टर में मछलियों के साथ पौधे उगाए जाते हैं। यह हाइड्रोपोनिक्स फॉर्मिंग का ही एक वर्जन है। इसमें भी मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता है। वहीं एक्वापोनिक्स में भी मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें फिश टैंक का उपयोग किया जाता है और मछलियों के साथ पौधे उगाए जाते हैं। इसमें परंपरागत खेती की तुलना में केवल 10 प्रतिशत पानी का ही उपयोग किया जाता है, जबकि पौधों के बढऩे की रफ्तार दोगुनी होती है। इसका चलन सबसे अधिक इजरायल में है। यूरोप व अमरीका में भी यह फॉर्मिंग तेजी से जगह बना रही है।

इन्होंने की है शुरुआत
एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग में एंट्री करने से पूर्व आप ऐसे स्टार्टअप पर रिसर्च कर सकते हैं जो सक्सेसफुली यह कर रहे हैं। इनमें पहला नाम रेड ओटर का है। उत्तराखंड के नैनीताल का यह स्टार्टअप एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग के साथ फ्रैश फूड की होम डिलीवरी भी कर रहा है। स्टार्टअप की सक्सेस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह स्टार्टअप अगले दो वर्ष में इंडिया में 25 एक्वापोनिक्स फॉर्म लगाने की योजना पर कार्य कर रहा है। यही नहीं बंगलुरु का माधवी फार्म, चेन्नई स्थित फ्यूचर फॉर्म व क्रॉफ्टर भी सक्सेसफुली एक्वापोनिक्स फॉर्मिंग कर रहे है। आने वाले दिनों में यह लोकप्रिय हो सकता है।



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