Private Jobs: प्राइवेट सेक्टर में सैलरी के मुकाबले काम ज्यादा है, वेतन से भी खुश नहीं हैं लोग

Salary In India Report: आप कितना कमाती हैं, आप इससे खुश हैं? ये सवाल करने पर प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली वर्कर ने ‘ना’ में जवाब दिया। यही हाल और भी लोगों का है। लोग अपनी सैलरी से खुश नहीं हैं। ये कहना है हाल ही में आई एक रिपोर्ट का। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हर 10 में से 7 व्यक्ति अपनी वर्तमान सैलरी से खुश नहीं है। इसी को लेकर जब हमने प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कुछ लोगों से बात की तो देखिए उन्होंने जवाब में क्या कहा।

क्या है रिपोर्ट का दावा? (Salary Report)


हाल ही में एचआर वर्ल्ड की एक रिपोर्ट आई है, जिसका कहना है कि हर 10 में से 7 व्यक्ति अपनी वर्तमान सैलरी से खुश नहीं है। वहीं स्टाफिंग फर्म एडेको नाम की एक और रिपोर्ट का कहना है कि भारत के 21 प्रतिशत और मलेशिया के 9 प्रतिशत कर्मचारी अपनी सैलरी में 20% की बढ़ोतरी चाहते हैं।

कई लोगों ने कहा सैलरी कम और काम ज्यादा है


बेंगलुरु की प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली लिपि का कहना है कि अधिकांश निजी क्षेत्र में वेतन के मुकाबले काम ज्यादा होता है। कई बार तो स्टाफ की कमी की वजह से एक ही व्यक्ति से 2 लोगों का काम करवाया जाता है, जो अनुचित है। काम के घंटों के अनुसार वेतन मिलना चाहिए।


वहीं जब हमने लिपि से पूछा कि प्राइवेट सेक्टर में किन चीजों में सुधार होना चाहिए तो उन्होंने कहा कि कार्य की अवधि निश्चित की जानी चाहिए और इसका सख्ती से पालन होना चाहिए। कर्मचारियों को समय-समय पर छुट्टी दी जाए, इससे ज्यादा और क्या चाहिए।

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दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहने वाले एक युवक प्रेम कुमार ने कहा “मैं अपनी सैलरी से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हूं। सैलरी के मुकाबले काम बहुत ज्यादा लिया जाता है। ऐसे में प्रोडक्टिविटी घटती है।”

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वहीं एक अन्य महिला कर्मचारी ने कहा कि वो अपनी वर्तमान सैलरी से खुश नहीं हैं। लेकिन मार्केट में ज्यादा ऑप्शन नहीं होने के कारण इसका कुछ किया नहीं जा सकता। सैलरी के मुकाबले ज्यादा काम लिया जाता है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में यह आम बात है। वर्क प्रेशर के चलते कई बार जॉब छोड़ने का भी ख्याल आता है।

समय-समय पर इन्सेनटिव मिलना जरूरी है (Incentives In Jobs)


वर्क-लाइफ बैलेंस (Work-life Balance) को लेकर जब हमने लोगों से बाती की तो उन्होंने कहा कि इसे बनाए रखने के लिए जरूरी है कि घर के समय काम को दूर रखा जाए। काम का एक निश्चित समय तय हो। कुछ लोगों का कहना है कि वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने के लिए WFH (Work From Home) एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, कुछ लोग इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि अब इसमें भी लोग समय नहीं निकाल पा रहे हैं क्योंकि जो कंपनियां WFH देती हैं वो आपको पूरे समय उलझा कर रखती है।


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प्राइवेट क्षेत्र में सैलरी (Salary In Private Sectors) तो बहुत कम होती है लेकिन कर्मचारी को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाया जा सकता है, जैसे कि कर्मचारी और उसके परिवार का मेडिकल खर्च, आने जाने की सुविधा, समय-समय पर इन्सेनटिव। ऐसे में कम सैलरी के बावजूद लोगों में काम करने का उत्साह बना रहेगा।

भारत में किस क्षेत्र में सैलरी सबसे ज्यादा है? (Highest Salary Jobs In India)

मिली जानकारी के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा वेतन मैनेजमेंट और कमर्शियल इंडस्ट्रीज में है। इस सेक्टर में एनुअल एवरेज सैलरी 29.50 लाख रुपये से ज्यादा है। इसके बाद दूसरे स्थान पर है लॉ प्रोफेशन। इस क्षेत्र में सालाना औसत वेतन 27 लाख रुपये आंका गया है।



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