ऑनलाइन नौकरी देने के नाम पर ऐसे होती है धोखाधड़ी, इस तरह खुद को बचा सकते हैं आप
गौरव (बदला हुआ नाम) को टॉप जॉब लिस्टिंग वेबसाइट पर एक विज्ञापन दिखा। इस विज्ञापन में एक बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में अच्छी तनख्वाह पर मैनेजर के रूप में नौकरी का ऑफर दिया गया था। गौरव ने दिए गए नंबर पर कॉल लगाया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी का एचआर मैनेजर बताते हुए उसका सीवी मांगा। दो दिन बाद उसे ऑनलाइन इंटरव्यू के लिए तैयार रहने को कहा गया और इसके लिए उसे पांच हजार रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाने को कहा गया। गौरव ने दिए गए नंबर पर पेमेंट वॉलेट में रुपए जमा करवाए। इसके बाद वह नंबर बंद हो गया और गौरव परेशान है। उसे समझ नहीं आ रहा कि वह अपने साथ हुई धोखाधड़ी के लिए किससे मदद ले!
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लग गई है रोक
इन दिनों बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले जालसाज सक्रिय हैं। वे टॉप जॉब लिस्टिंग वेबसाइट्स पर युवाओं को ऐसी कंपनी में नौकरी का झांसा देते हैं और उसके नाम से रुपए ले लेते हैं। अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन टॉप जॉब लिस्टिंग वेबसाइट्स पर इस तरह के धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।
कैसे काम करते हैं फिल्टर्स
ये फिल्टर्स या शब्द यदि विज्ञापन के हैडिंग या बॉडी में किसी भी स्थान पर होंगे तो उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने की ऑटोमेटिक प्रक्रिया उसे रोक देगी। इसके बाद इन विज्ञापनों को जॉब लिस्टिंग कंपनियों का प्रतिनिधि मैनुअली देखेगा और उनकी जांच करेगा। विज्ञापन सही होने पर ही वह उन्हें अप्रूव करेगा। इस तरह फिल्टर्स की मदद से अधिकतम लोगों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है।
फिल्टर्स हो सकते हैं काम के
टॉप जॉब लिस्टिंग कंपनियां ऐसे शब्दों को फिल्टर कर बैन करती हैं, जिनसे यूजर्स के साथ धोखाधड़ी की आशंका हो। जैसे भारतीय सेना, भारतीय रेल, भारतीय डाक आदि। सरकारी विभागों के अन्य कीवर्ड भी फिल्टर के रूप में रखे जाते हैं। साथ ही नवरत्न कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के ट्रेडमार्क से जुड़े शब्द भी फिल्टर किए जाते हैं।
जॉब लिस्टिंग कंपनियां इस्तेमाल करेंगी फिल्टर्स
सवाल है कि जॉब लिस्टिंग कंपनियां कैसे इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगाएंगी। इसका तरीका है- फिल्टर्स का इस्तेमाल यानी इन साइट्स पर धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बड़ी कंपनियों के नाम को फिल्टर के रूप में रखा जाएगा। अब नियोक्ता जॉब लिस्टिंग के जो विज्ञापन अपलोड करेंगे, उनमें यदि ये फिल्टर्स आ गए, तो उनका विज्ञापन अप्रूव ही नहीं होगा। यह सारी प्रक्रिया ऑटोमेटिक होगी।
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